11 bengal gambling act in hindi

11 bengal gambling act in hindi

बगल जआ अधनयम 11 एक सकषपत अवलकनबगल जआ अधनयम 11 भरत क पशचम बगल रजय म जआ स सबधत सभ गतवधय क नयतरत करत ह यह कनन 1867 म परत कय गय थ और तब स कई बर सशधत कय गय ह मखय बद: अधनयम क उददशय: अधनयम क मखय उददशय रजय म जए क वनयमत करन और अवध जए क रकन ह जए क परभष: अधनयम म जए क परभष वयपक ह और इसम पस य कस अनय मलयवन वसत क लए खलन, दव लगन, य परतसपरध करन शमल ह अवध जआ: अधनयम क अनसर, बन लइसस क सरवजनक सथन पर जआ खलन अवध ह दड: अधनयम क उललघन क लए जरमन और करवस क परवधन ह लइसस: रजय सरकर कछ वशषट परसथतय म जए क लए लइसस जर कर सकत हवभनन पहल: सरवजनक जआ: अधनयम सरवजनक सथन पर जए क सखत स परतबधत करत ह घर म जआ: यह अधनयम घर म जए क वनयमत नह करत ह, हलक यह कवल नज उपयग क लए ह ऑनलइन जआ: बगल जआ अधनयम ऑनलइन जए क सपषट रप स सबधत नह करत ह पतत क खल: अधनयम पतत क खल क वनयमत करत ह और कछ खल क अवध घषत करत हमहतवपरण बत: यह धयन रखन महतवपरण ह क अधनयम जटल ह और इसक वयखय कनन वशषजञ दवर क जन चहए अधनयम समय क सथ बदलत रहत ह, इसलए नवनतम सशधन स अवगत रहन आवशयक ह बगल जआ अधनयम कवल पशचम बगल रजय म लग हत ह अनय रजय म अलगअलग कनन ह सकत हनषकरष:बगल जआ अधनयम रजय म जए क वनयमत करन क एक महतवपरण कनन ह यह अधनयम जए स जड वभनन गतवधय क नयतरत करत ह और अवध जए क रकन क परयस करत ह

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